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किसानों के लिए अच्छी खबर, अब सब्जियों के लिए भी करवा सकते है बीमा, बस करना होगा ये काम...
उद्यानिकी फसल उत्पादन कर रहे कृषक रबी फसल के लिए फसल बीमा का लाभ लेने 31 दिसंबर तक बीमा करा सकते हैं

रायगढ़ : उद्यानिकी फसल उत्पादन कर रहे कृषक रबी फसल के लिए फसल बीमा का लाभ लेने 31 दिसंबर तक बीमा करा सकते हैं। टमाटर, बैगन, फूलगोभी, पत्तागोभी, प्याज एवं आलू के लिए वर्ष 2023-24 अंतर्गत पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना शासन की अधिसूचना के साथ छत्तीसगढ़ में लागू हो गई है। जिले के इच्छुक ऋणी-अऋणी कृषक 31 दिसंबर 2023 तक लोक सेवा केंद्र, बैंक शाखा, सहकारी समिति या बीमा कंपनी एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर अपने उद्यानिकी फसलों का बीमा करा सकते है।
घोषणा पत्र के साथ फसल बुवाई प्रमाण-पत्र
सहायक संचालक उद्यान ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना में सभी अऋणी कृषक जो इस योजना में शामिल होने के इच्छुक है, ऐसे कृषकों को घोषणा पत्र के साथ फसल बुवाई प्रमाण-पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने के आशय का स्वघोषणा पत्र सहित संबंधित अन्य अनिवार्य दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा। चयनित उद्यानिकी फसलों का बीमा कराए जाने के लिए किसानों को उन फसलों के लिए निर्धारित ऋणमान का 5 प्रतिशत प्रीमियम राशि के रुप में देना होगा, शेष प्रीमियम की राशि राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा।
अल्पकालीन कृषि ऋण को अनिवार्य रुप से बीमाकृत किया जाएगा
ऋणी कृषक जो योजना में शामिल नहीं होना चाहते है, उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी चयन प्रपत्रानुसार हस्ताक्षरित घोषणा पत्र बीमा आवेदन की अंतिम तिथि के 7 दिवस पूर्व तक संबंधित वित्तीय संस्थान में अनिवार्य रुप से जमा करना होगा। निर्धारित समय-सीमा में हस्ताक्षरित घोषणा पत्र जमा नहीं करने पर संबंधित बैंक द्वारा संबंधित मौसम (रबी) के लिए स्वीकृत नवीनीकृत की गई अल्पकालीन कृषि ऋण को अनिवार्य रुप से बीमाकृत किया जाएगा।
किसानों को बेमौसम वर्षा-, बीमारी अनुकूल मौसम कीट एवं व्याधि, ओला वृिष्ट एवं चक्रवाती हवाऍ, हवा की गति, से फसलों को होने वाले क्षति से फसल बीमा का नियमानुसार लाभ प्राप्त होगा। रबी मौसम में ओलावृष्टि एवं चक्रवाती हवाएं की स्थिति में कृषक इसकी सूचना सीधे बीमा कंपनी को लिखित रुप मे 72 घंटे के भीतर संबंधित बैंक, स्थानीय राजस्व उद्यानिकी, कृषि अधिकारी अथवा जिला उद्यान अधिकारी को बीमित फसल के ब्यौरे, क्षति की मात्रा तथा क्षति का कारण सहित सूचित करेगा। संबंधित संस्था विभाग 48 घंटे के भीतर कृषकों से प्राप्त जानकारी बीमा कंपनी को प्रदान करेंगे। कृषक द्वारा लगाये गये फसल का केवल एक बार ही बीमा आच्छादन का लाभ ले सकता है।